पिशाच पिशाचिनी सिद्धि साधना :
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July 15, 2021
अघोरी मनसाराम मंत्र सिद्धियां :
अघोरी मनसाराम मंत्र सिद्धियां :
July 15, 2021
अघोरी आत्मा को प्रसन्न करने हेतु तांत्रिक साधना :-
अघोरी आत्मा को प्रसन्न करने हेतु तांत्रिक साधना :-
हम सभी ने अघोर तांत्रिकों के बारे में जरुर सुना होगा। अघोरी सांसारिक बंधनों को नहीं मानते और अधिकांश समय श्मशान में बिताते हैं। अघोर का अर्थ है जो घोर या वीभत्स नहीं है।
अघोरी वो लोग होते हैं जो संसार की किसी भी वस्तु को घोर अर्थात वीभत्स नहीं मानते। इसलिए न तो वे किसी वस्तु से घृणा करते हैं और न ही प्रेम। उनके मन के भाव हर समय एक जैसे ही होते हैं।
अघोर तांत्रिक श्मशान में ही तंत्र क्रियांए करते हैं , इनके मतानुसार श्मशान में ही शिव का वास होता है। अघोरी श्मशान घाट में तीन तरह से साधना करते हैं-
श्मशान साधना,
शिव साधना
और शव साधना।
ऐसा माना जाता है कि शव साधना के चरम पर मुर्दा बोल उठता है और इच्छाएं पूरी करता है। शव साधना के लिए एक खास काल में जलती चिता में शव के ऊपर बैठकर साधना की जाती है। यदि पुरूष साधक हो तो उसे स्त्री का शव और स्त्री साधक के लिए पुरूष का शव चाहिए होता है।शिव साधना में शव के ऊपर पैर रखकर खड़े रहकर साधना की जाती है।
बाकी तरीके शव साधना की ही तरह होते हैं।
शव और शिव साधना के अतिरिक्त तीसरी साधना होती है श्मशान साधना, जिसमें आम परिवारजनों को भी शामिल किया जा सकता है।
इस साधना में मुर्दे की जगह शवपीठ की पूजा की जाती है। उस पर गंगा जल चढ़ाया जाता है। यहां प्रसाद के रूप में भी मांस मंदिरा की जगह मावा चढाया जाता हैं। अघोरी लोगो का मानना होता है कि वे लोग जो दुनियादारी और गलत कार्यों के लिए तंत्र साधना करते है अतं में उनका अहित होता है।
अघोरी की आत्मा को प्रसन्न करने एवं उससे सहायता प्राप्त करने हेतु साधना बता रहा हूँ , इस साधना को आप घर पर भी कर सकते है –
साबर मंत्र –
“आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव , तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई , बाबा मनसा राम की दुहाई ! “
विधान –
मंगलवार या शनिवार के दिन , कृष्णपक्ष से रात्रि के समय , लाल या काले आसन पर बैठ कर नित्य ही ११ माला का जप करे ।
अपने सम्मुख अघोरी आत्मा हेतु एक मिट्टी के कुलहड़ में देसी शराब , श्वेत फूलो की माला , मिठाई -नमकीन आदि रखे । गूगल की धुप और कडुवे तेल का गिरी हुए बत्ती का दीपक अवश्य प्रज्ज्वलित रखे ।
जब जप पूर्ण हो जाये तो ये सभी सामग्री किसी चौराहे पर या किसी पीपल के पेड के नीचे चुपचाप से रख आये और हाथ-पैर धोकर सो जाये ।
7वें दिन नहीं जाना है ।
तब किसी अघोरी की आत्मा आएगी और सामग्री न देने का कारण अत्यंत उग्र स्वर में पूछेगी …घबराए नहीं और उत्तर भी नहीं देना और जो पूर्व दिन की बची सामग्री है उसे रख दें । न ही किसी भी प्रकार का प्रश्न करें न ही किसी प्रश्न का उत्तर दें ।
अब जप के पश्चात् जो सामग्री वर्तमान दिन …यानि 8वें दिन की है …फिर से चौराहे पर या पीपल के पेड के नीचे रख आये ।
यह साधना 11 दिन की है एवं 11वें दिन अघोरी की आत्मा आएगी और सौम्य भाषा -शब्दों में वार्ता करगी । उससे अपनी बुद्धि के अनुसार वचन ले लीजिये ,ये आत्मा साधक के अभिष्टों को पूर्ण करेगी ।
जब भी किसी कुल्हड़ में देसी शराब और नमकीन -मिठाई अघोरी के नाम से अर्पित करोगे तो वो सम्मुख आकर साधक की समस्या का निवारण भी करेगी । इस साधना के प्रभाव से अघोरी की आत्मा साधक के आस-पास ही रहेगी तथा उसे सुरक्षा भी प्रदान करेगी ।
चेतावनी – यह मंत्र साधनाएँ आसान प्रतीत होती हैं किंतु इनके संपन्न करने पर मामूली सी गलती भी साधक के लिए घातक हो सकती है । साधक इन्हें किसी विशेषज्ञ गुरु के साथ ही संपन्न करें ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार

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जय माँ कामाख्या

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