आकर्षण और वशीकरण के अचूक प्रयोग :
एक गुलाबी कागज पर सुर्ख लाल स्याही से के एक वृत्त बनाये उस वृत्त के अंदर त्रिभुज (त्रिकोण) बनायें, वृत्त के बाहर अष्टदल बनायें, प्रत्येक दल मे घडी की सुई की दिशा में (ऊँ ह्रीं नमः) मन्त्र लिखें उसके बाद त्रिकोण के अंदर (ऊँ अमुक नाम्ना ऊँ ह्रीं नमः) लिखें। इस प्रकार यंत्र लिखें, फिर इस यंत्र के ऊपर शहद लगाये और चमेली का इत्र लगायें, उसके बाद इस यंत्र को रूई लपेटकर बाती बना लें, इस प्रकार तैयार बाती को केशर के घोल मे डुबोकर सुखाकर रख लें, इसी प्रकार ही सभी बाती तैयार करें।
■ प्रयोग कैसे करना है जानें :
सर्वप्रथम पूर्णिमा की रात को स्नानादि से निवृत्त होकर दूध और खुशबूदार जल से चन्द्रमा को अर्घ्य दें, उसके बाद उसी स्थान पर बैठकर सुगंधित धूप जलायें, और बेसन और जौ का आटा मिलाकर 15 दीपक तैयार करें, उसके बाद जो बाती आपने तैयार करके रखी है ये एक-एक बाती प्रत्येक दीपक मे रखें बाती का मुख चन्द्रमा की तरफ होना चाहिए, उसके बाद उन दीपकों मे शुद्ध तिली का तेल या गाय का घी डालें, और प्रत्येक दीपक मे एक-एक अखंडित लौंग डालें और अपने दाहिनी ओर से दीपक जलाते जायें, जब तक दीपक जलें तब तक आपको (ऊँ अमुक नाम्ना ऊँ ह्रीं नमः) मन्त्र का जाप करते रहना है।
पूर्णिमा के दूसरे दिन एक दीपक जलेगा।
इसी क्रम से लगातार चौदस तक चौदह दीपक फिर अमावस्या पर पंद्रह दीपक जलाना।
फिर अमावस्या के दूसरे दिन पडवा को चौदह दीपक। दौज को तेरह ,इसी प्रकार घटते क्रम मे दीपक जलाना है।यह एक माह का प्रयोग है निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी ।
● मन्त्र मे अमुक की जगह व्यक्ति का नाम लेना है।
● प्रयोग करते समय मौन रहना है।
● प्रयोग के दौरान पूरे एक माह तक इमली और अनार का सेवन ना करें।
● मांस मदिरा का सेवन ना करें।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या