अघोर आकर्षण प्रयोग का रहस्य क्या है?

अघोर आकर्षण प्रयोग :

अघोर आकर्षण प्रयोग : जन्म देना सौभाग्य है । जन्म लेना उससे भी बड़ा सौभाग्य है । मिटा देना दुर्भाग्य है । जब जन्म देने की क्षमता न हो , तो मिटाना कैसा । जो कोई मिटाएगा , बह स्वयं एक दिन मिट जाएगा । अत: रचनाकार होना सौभाग्य है । रचना को नष्ट करना घोर पापपूर्ण अपराध ।

प्रस्तुत लेख में ये दर्शाया गया है , अघोर आकर्षण प्रयोग एक एसा षट्कर्म बिधि है , जिसको उपयोग करके आप अपना और दूसरा का भी भला कर सकते हो । इसका यानी अघोर आकर्षण प्रयोग मंत्र का दुरूपयोग करके किसका हानि करना मन में मत सोचा करो नही तो इसका भुगतान करने केलिए स्वयं प्रस्तुत हो जाना ।
ज्ञानार्जन करना कोई बुराई कर्म नहीं है ।बुराई के रास्ते चलना सर्ब प्रकार का घोर अपराध है । बुरी प्रब्रुतियाँ मानब को अन्धकार में ले जाती है और घोर पीडाएं देती है । साधना करना श्रेष्ठ है । यदि निष्कामभाब से भगबती की साधना सरल ह्रदय से नियमित भी की जाती रहे , तो भगबती माँ अपने साधक की अचित रूप में हर प्रकार से शीघ्रातिशीघ्र रक्षा करते हुए कल्याण ही करेंगी ।
साधक को चाहिए की बाल भाब से केबल अपनी इष्ट देबी की साधना सीधे और सरल मन से करे, तो साधक का , उसकी पीढ़ियों का कल्याण तो होगा ही , साथ ही आशीर्वाद स्वरूप बह जो कुछ समाज को देगा , इस समाज का भी भला होगा ।प्रस्तुत अघोर आकर्षण प्रयोग का सार संक्षेप यही सन्देश है ।
भूल मत कर बैठना , बिना किसी गुरु और योग्य साधक के इसके प्रयोग आदि करने की । इसका किसी भी प्रकार का उत्तरदायित्व हमारा नही है , क्यूँ न सारे अघोर क्रिया साधना में अघोर पंथ का कुछ न कुछ नियम बिधि होता है ..जो अघोर साधक को भली भांत याद होता है ..तो लास्ट में ये कहूँगा किसी प्रकार की लालच में आकर कुछ गलत ना कर बसे । यंहा पर कुछ अघोर आकर्षण प्रयोग का बिधि टोटके दे रहा हूँ ताकि आप इसका उपयोग करके खुद का और दुसरे के भला कर सकते हो ।

अघोर आकर्षण प्रयोग बिधि :

(क) अश्लेषा नक्षत्रमे अर्जुनवृक्ष की जड लाकर बकरी के मुत्रमे पीसे! यह दवाई किसी स्त्रीके माथेपर लगा दे तो तत्काल उस स्त्रीका आकर्षण हो जायेगा.
 
(ख) जौंक और केऔटि सांप मारकर सुखाबे और पीस डाले, फिर जंबीरी निम्बुकी लकडी झौज्लाय्कर धूप देनेसे आकर्षण होजाता है.
 
(ग) जिसको आकर्षण करना हो उसके पांव तलेकी मटी,क्रूक्लासका रुधिर इन दोनोको मिलाकर एक मुर्ति बनावे.फिर इस मुर्तिकी छातिमे क्रूक्लासके रुधिरसे जिस्को आकर्षण करना हो उस्का नाम लिखे. फिर उस मुर्ति को नालिमे रख्कर पेसाब करे. इस क्रियाके करने से अगर स्त्री 400 कोस दुर होगि तो बह भि वशमे आजायगी और चली आयेगी. इस क्रियाके साधने को नीचे लिखा हुआ मंत्र चार लाख जपना चाहिये.

अघोर आकर्षण प्रयोग मंत्र बिधि :

“ ऑम घुं घुं ता आक्रुस्टिकर्ता ष्रुसटी पुरी अमुकी बरो ह्रीं ह्रीं !”
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