मंत्र से अद्वितीय रुप की प्राप्ति :

मंत्र से अद्वितीय रुप की प्राप्ति :

अद्वितीय मंत्र : ॐ रति क्रियायै कामदेबायै मम अंग उपांगे प्रबिशय सुदर्शनायै फट्।।
बिधि : यह महत्व तंत्र में है कि आप मंत्र से अपना रूप नया बनाकर सबको मोहित कर सकते हैं । यह जडी बूटी का लेप नहीं यह सिद्ध मंत्र है जो पुरातन ग्रंथ से प्राप्त हुआ है ।
 
इस मंत्र को शुक्रबार की रात्रि को शुरु कर स्फटिक की माला से जप करें । अपने पास सौन्दर्य गुटिका रखकर ६ दिन में सबा लाख जप करें तब आप स्वयं असर देखेंगे । यह हीरे की तरह असली मंत्र है । तंत्र सागर का मोती आपको भेंट किया है । यह एक योगी का निहायत आजमाया हुआ मंत्र है । आप इसे जरूर करें तब आप इसकी चमक का अनुभब कर पायेंगे । एसा मंत्र आपको कहीं नहीं मिलेगा यह एक लुप्त मंत्र है । साधना के समय घी का दीपक तथा सुगन्धित धूप का प्रयोग करें । मन – चित्त ध्यान से, नियम पूर्बक सिद्ध करे, तब सिद्धि प्राप्त होगी ।
 

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जय माँ कामाख्या

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