कनकबती योगिनी साधना :
प्रचण्ड बदना कनकबती देबी के होठ पके हुए बिम्बाफल के समान रक्त बर्ण है । बे लाल बस्त्रों को धारण करने बाली, बालास्वरूपिणी तथा समस्त मनोकामनाओ की पूर्ति करने बाली शुभ है ।
कनकबती योगिनी का साधन मंत्र यह है –
“ॐ ह्रीं हुं रक्षकर्मणि आगच्छ कनकबति स्वाहा ।”
साधन बिधि – नित्यकर्मादि से निबृत होकर किसी बटबृक्ष के नीचे बैठकर सर्बप्रथम देबी का बिधि बिधान से पूजन करे “ह्रीं” मंत्र से प्राणायाम तथा “ह्रीं अन्गुष्ठाभ्यां नम:” आदि प्रकार से करान्यास करें । फिर, संद्दोमांस द्वारा बलि प्रदान करे तथा उच्छिष्ट रक्त से अर्घ्य दें । तत्पश्चात देबी का ध्यान और जप करना चाहिए ।
उक्त मंत्र का 7 दिन तक जप तथा पूजन करते हुए आठ्बे दिन यथा बिधि पूजन कर मनोहर बलि देकर आधी रात तक जप करें तो देबी प्रसन्न होकर साधक के समीप आकर उससे अभिलासित बार मांगने के लिए कहेंगी । तब साधक फिर से उनका बिधि से पूजा करके, उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करना चाहिए ।
उक्त साधन से कनकबती योगिनी देबी साधक की पत्नी के रूप में उसे पहले दिन बिबिध प्रकार के भोज्य पदार्थ देती हैं । फिर अपने बस्त्रा भूषणादि बंहीं छोड़कर अपने घर चली जाती हैं । तत्पश्चात हर रात्रि में बे साधक के पास आती रहती है तथा साधक की प्रत्यक्ष कामना की पूर्ति करते हुए उसे प्रसन्न बनाये रखती हैं । देबी के सिद्ध हो जाने पर साधक को अपनी पत्नी तथा अन्य प्रत्येक स्त्री का स्पर्श त्याग देना चाहिए अन्यथा देबी क्रोध होकर उसे हानि पहुंचायेगी और फिर कभी नहीं आयेगी ।
चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है ।परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा ।उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे ।अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है । हर समस्या का समाधान केलिए आप हमें इस नो. पर सम्पर्क कर सकते हैं : 9438741641 (call/ whatsapp)