जिस घर में जब कोई रोग आ जाता है तो उस रोगी के साथ साथ उस घर के सभी व्यक्ति भी मानसिक रूप से चिंता और आशांति का अनुभव करने लगते है , लेकिन कुछ छोटी छोटी बातो को ध्यान में रखकर हम हालत पर काबू पा सकते है , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है ।
ज्वर का झाडा :
निम्न मंत्र को ग्रहन अथवा होली पर सिद्ध कर ले । इसके बाद निम्न मंत्र पढकर ज्वर से ग्रस्त रोगी को झाडा लगावे ।
चमत्कारी सिद्धि मंत्र :
“ओम ह्रीं ह्रीं रीं रीं विष्णु शक्ति भगवती विष्णुशक्तिमेन हर हर नय नय पच पच मथ मथ उत्सादय दुरे कुरू स्वाहा । ”
आरोग्यता के लिए :
शिव का स्मरण करते हुए 31 बार इस मंत्र का उच्चारण करके फोडे पर हाथ फेरकर फूंक मारनी चाहिए । इसके शीघ्र लाभ होगा ।
पत्थरचूर की जड को तांबे के पात्र मे भरवाकर चमकिले लाल डोर से बांधकर बच्चे के गले में लटका देने से दांत निकलने में कष्ट नही होता और हरे पीले रंग के पतले दस्त होना बन्द हो जाता है । गले में बांधने से पहले 51 बार जय गुरू गोरखनाथ तुम्हारी आन, आवश्य जपे ।
चमत्कारी सिद्धि मंत्र :-
“ओम नमो आदेश गुरू को ग्यारह बाज नटनी का जाया चलती बेर कबूतर खाया पिवे दारू खावे मास रोग दोष को लावे फांस कहां कहां से लावेगा गुदगुद में सदावेगा बोट बोट में से लावेगा चम चम में से लावेगा न लावेगा तो गुरू गोरखनाथ की आन मेरी भक्ती गुरू की शक्ती फुरो मंत्र ईश्वरो वाच्या । ”
रोग निवारक मंत्र :
मोरपंख से मंत्र का 31 बार उच्चारण करते हुए झाडा लगाए हर प्रकार के रोग मे निश्चित ही लाभ होता है ।
चमत्कारी सिद्धि मंत्र :-
“बन में बैठी वानरी अजनी जायो हनुमंत बाला डमरू बाधिनी बिलारी आख कि पीडा मस्तक की पीडा चौरासी बाय बली बली भस्म हो जाए पंके न फूटे पीडा करे तो अंजनी माता कि आन गुरू की शक्ती मेरी भक्ती फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा । ”
मोच पिडा स्तंभन मंत्र :
साधक इस मंत्र को जप कर सिद्ध करे । फिर प्रयोगार्थ सरसो का तेल 21 बार अभिमंत्रित कर मोच वाले शरीरावयव पर मालिश करने से मोच पिडा समाप्त होकर रोगी स्वस्थ हो जाता है ।
चमत्कारी सिद्धि मंत्र :
“ओम नमो आदेश गुरू को श्रिराम को मचक उडाई इसके तन तुरंत पिडा भाग जाये ना रहे रोग ना रहे पिडा अमुक कि व्यथा छोड ना छोडे तो ईश्वर महादेव कि दुहाई विधी छु । ”
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जय माँ कामाख्या