जानिये तुला राशि के लोगों के बारे में कुछ खास बातें…
तुला – रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
तुला राशि का चिह्न तराजू है और यह राशि पश्चिम दिशा की प्रतीक है, यह वायुतत्व की राशि है। शुक्र राशि का स्वामी है। इस राशि वालों को कफ की समस्या होती है।
तुला राशि चक्र की सप्तम राशि है। इस राशि में जन्म लेने वाले जातक अन्य राशियों के जातकों से ज़्यादा कूटनीतिज्ञ होते हैं। ये अधिक सामाजिक, खुश – मिजाज़ व आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। हालांकि फ़ैसला लेने में इन्हें थोड़ी परेशानी होती है। ये अन्य राशि वाले जातकों से अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा महंगी और बढियां चीजों की ओर इनका झुकाव रहता है। इस राशि वाले का विशेष गुण समानता का है। जातक का जीवन मध्य आयु के बाद प्रबल होता है।
1- इस राशि के पुरुष सुंदर, आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। आंखों में चमक व चेहरे पर प्रसन्नता झलकती है। इनका स्वभाव सम होता है। इस राशि के लोगों के विचार अनिश्चित होते हैं। इन्हें अपने गुणों और दोषों की जानकारी नहीं होती है। जातक को कोर्ट – कचहरी के चक्कर बहुत लगाने पड़ते हैं, क्योंकि इनके जीवन में आपसी व भूमि संबंधी विवाद बहुत होते हैं।
2- ये लोग किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, दूसरों को प्रोत्साहन देना, सहारा देना इनका स्वभाव होता है। ये व्यक्ति कलाकार होते हैं। जातक को विदेश यात्रा से कोई लाभ नहीं हो पाता है। इस राशि के लोग शराब , सोना व लोहे के सामान का व्यवसाय करें तो अवश्य ही सफलता अर्जित की जा सकती है।
3- ये लोग व्यावहारिक भी होते हैं और इनके मित्र इन्हें पसंद करते हैं। तुला राशि की स्त्रियां आकर्षक होती हैं। इनका स्वभाव खुशमिजाज व मुस्कान बहुत ही सुंदर होती है। बुद्धि वाले काम करने में इनकी अधिक रुचि होती है। घर की साज – सज्जा और खुद को सुंदर दिखाने का शौक रहता है। कला, गायन आदि घरेलू कामों में दक्ष होती हैं। बच्चों से बेहद जुड़ाव रहता है।
4- तुला राशि के बच्चे सीधे , संस्कारी और आज्ञाकारी होते हैं। घर में रहना अधिक पसंद करते हैं। खेलकूद व कला के क्षेत्र में रुचि रखते हैं। इस राशि के जातक के पारिवारिक जीवन में बहुत उथल – पुथल होती है। कभी – कभार जातक अपने लिए एक तरह से मुसीबत भी मोल ले लेते हैं , और यही मुसीबत इनकी मौत का कारण बनती है।
5- तुला राशि के लोग आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। जीवन में आदर्शवाद व व्यवहारिकता में पर्याप्त संतुलन रखते हैं। इस राशि वाले को आकस्मिक लाभ होने के प्रबल योग होते हैं।
6- इनकी आवाज सभी को अच्छी लगती है। चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान छाई रहती है। इन्हें ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। ये अच्छे साथी हैं , चाहें वह वैवाहिक जीवन हो या व्यावसायिक जीवन। अपने व्यवहार में बहुत न्यायवादी व उदार होते हैं। कला और साहित्य से जुड़े रहते हैं। इन्हें गीत , संगीत , यात्रा आदि का शौक रखने वाले व्यक्ति अधिक अच्छे लगते हैं। इस राशि वाले को बाहरी व्यक्ति से लाभ होता है और उसी माध्यम से ये लोग प्रायः मंजिल पर पहुंचते हैं।
7- लड़कियां आत्म विश्वास से भरपूर होती हैं। मनपसंद रंग गहरा नीला व सफेद होते हैं। वैवाहिक जीवन में स्थायित्व पसंद आता है। वाद – विवाद में समय व्यर्थ नहीं करती हैं। सामाजिक पार्टियों, उत्सवों में रुचिपूर्वक भाग लेती हैं। इनके बच्चे पढ़ाई या नौकरी आदि कारणों से दूर जा सकते हैं। ये एक कुशल मां साबित होती हैं जो कि अपने बच्चों को उचित शिक्षा व आत्मविश्वास प्रदान करती हैं। इस राशि के लोग प्रेम करने वाले होते हैं, लेकिन क्रोधित भी शीघ्र ही हो जाते हैं।
8- विचारों से सम और हर बात को पूरी तरह तौलकर देखने वाला जातक तुला राशि का होगा। हालांकि इस राशि पर शुक्र का आधिपत्यर है, इस कारण तुला राशि के जातकों को बनने संवरने , संगीत , चित्रकारी और बागवानी जैसे शौक होते हैं। बावजूद रचनात्मकक आलोचना और राजनैतिक चातुर्य इन जातकों का ऐसा कौशल होता है कि दूसरे लोग इनसे चकित रहते हैं। जातक समझौता करने में अधिक यकीन रखते हैं। इस राशि के लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होने के कारण बीमारियों की पकड़ में जल्दीर आते हैं।
9- आप एक बुद्धिमान इंसान हैं | और आपके आसपास होना आनन्द दायक हो सकता है। स्वाभाविक रूप से आप एक श्रेष्ठ मे जबान हो सकते हैं। शुक्र आपका प्रमुख ग्रह है , जो प्यार और इच्छा का प्रतीक हैं | हालांकि, जैसा कि अक्सर गलत समझा जाता है, यह रोमांस, सुंदरता और शारीरिक प्यार या वासना से संबधित नहीं हैं बल्कि यह आदर्श प्यार का प्रतीक है। साझीदार के साथ व्यासपार करना इनके लिए ठीक रहता है। जातक उचित समय पर सही सलाह देता है। ऐसे में साझेदार भी ज्यानदातर फायदे में रहते हैं। एक बार मित्र बना लें तो हमेशा के लिए अच्छेम मित्र सिद्ध होते हैं। इन जातकों का पंचमेश शनि होता है। इस कारण तुला लग्ने के जातकों के अव्वरल तो संतान कम होती है और अधिक हो भी जाए तो संतान का सुख कम ही मिलता है। इनके लिए शुभ दिन रविवार और सोमवार बताए गए हैं। शुभ रंग नारंगी, श्वेभत और लाल तथा शुभ अंक एक व दस हैं।
10- तुला राशि की प्रकृति तुला संतुलन और ऊर्जा के विशाल भंडार का सूचक हैं | चूंकि आप राशिचक्र के सातवें घर में आते हैं और आपका चिह्न तुला हैं | आपकी चेतना में भी हर समय यह व्याप्त रहता हैं कि आपके चारों ओर सब कुछ कैसे संतुलन में रखा जाए , फ़िर चाहे वह घर हो या अपने काम की जगह। आप हर समय सामंजस्य की तलाश में रहते हैं।
11- वायु आपका तत्व है , सो आप अपने कार्यों में अप्रत्याशित होते हैं। आप किसी क्षण तो अत्यधिक सक्रिय होते हैं और अगले ही क्षण हो सकता है आप पूरी तरह से निष्क्रिय व्यवहार करें। आप न सिर्फ महान विचारक हैं, बल्कि आपको भाषाओं की बहुत अच्छी जानकारी होती है। आप अक्सर बहुभाषी और मजेदार होते हैं। आपको स्थितियों का विश्लेषण करने और समाधान निकालने में महारत हासिल हैं। आपमें चुनौतीपूर्ण स्थितियों में संतुलन बनाए रखने की क्षमता होती है। राजनयिक होना, सुंदर, आकर्षक, आदर्शवादी और शांतिप्रिय होना आपकी ताकत है। इसके अलावा, आप कभी – कभी साहस के साथ स्थिति का सामना करने के बजाय पीछे हट जाते हैं। उथलापन, भाग्यवादी, अनिश्चय और अविश्वसनीयता आपके कुछ अन्य नकारात्मक अवगुण हैं |
12- प्रायः जातक अच्छे लेखक, कंपोजर्स, डिज़ाइनर्स, इंटिरियर डेकोरेटर्स, समीक्षक, प्रशासक एवं वकील होते हैं। तुला लग्न आपकी त्वचा को अत्यधिक संवेदनशील बना रहा है। इस संवेदनशीलता का कारण अनिद्रा, गरिष्ठ भोजन और शराब का अत्यधिक सेवन हो सकता है। आपको पीठ के निचले हिस्से और अंडाशय के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं परेशान कर सकती है। तथा आपको अत्यधिक शक्कर और भारी भोजन के सेवन से बचना चाहिए। आपको जल्द क्रोध नहीं आता लेकिन जल्द उग्र होने की संभावना प्रबल बनी रहती है। आप यथार्थवाद के बजाय आदर्शवादी होते हैं और कभी – कभी ऐसी योजना बनाते हैं जो हवा में महल बनाने के समान होती है। जातक आम तौर पर शांतिप्रिय प्रकृति के और किसी काम को आसान तरीके से करने वाले माने जाते हैं। आप देखने में आकर्षक हो सकते हैं। तुला राशि का ग्रह शुक्र होता है। यदि आपकी कुंडली में शुक्र खराब है तो आप पता लगा सकते हैं। शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म , यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है। अंगूठे में दर्द का रहना या बिना रोग के ही अंगूठा बेकार हो जाता है। त्वचा में विकार , गुप्त रोग। पत्नी से अनावश्यक कलह आदि अशुभ की निशानी है।
– शुक्रवार को खटाई न खाएं।
– पत्नी से संबंध ठीक रखें।
– स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें।
– कभी भी गंदे या फटे – पुराने कपड़े न पहनें।
– सुगंधित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
– लक्ष्मी की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें।
– भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें।
– दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक अपने पास रखें।
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