दुर्गाजी का कोई मंत्र सिद्ध करें, तो-
1. सिंन्दुर और बकरी के बच्चे के पुठ्ठे का रक्त आज्ञाचक्र और दुर्गा के चक्र पर लगायें । यहाँ प्रतिदिन रात मे सोते समय बुध की उंग्ली से गोल-गोल घुमायें ।
2. सात्विक स्थिति में सिन्दुर, रक्तचन्दन एब हारसिंगार के पुष्प या बच या चिरचिटे की जड या समुद्रफेन का तिलक लगायें ।
3. जल के किनारे या ईशान पर जलकुण्ड बनाकर साधना करें । बहता हुआ जल उत्त्म होता है ।
4. आसन मूगा की छाल, शेर की छाल या उनी-सूती कम्बल लें (लाल) ।
5. बुध की उंगली में चांदी पहनें या नाक छिदबाकर चांदी पहनें ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या