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वशीकरण का सामान्य और सरल अर्थ है- किसी को प्रभावित करना, आकर्षित करना या वश में करना। जीवन में ऐसे कई मोके आते हैं जब इंसान को ऐसे ही किसी उपाय की जरूरत पड़ती है। किसी रूठें हुए को मनाना हो या किसी अपने के अनियंत्रित होने पर उसे फिर से अपने नियंत्रण में लाना हो,तब ऐसे ही किसी उपाय की सहायता ली जा सकती है। वशीकरण के लिये यंत्र, तंत्र, और मंत्र तीनों ही प्रकार के प्रयोग किये जा सकते हैं। यहां हम ऐसे ही एक अचूक मंत्र का प्रयोग बता रहे हैं। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का अनुभव सिद्ध मंत्र है। यह मंत्र तथा कुछ निर्देश इस प्रकार हैं-
मंत्र : “ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ही सा। बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति ।।”
यह एक अनुभवसिद्ध अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग करने से पूर्व भगवती त्रिपुर सुन्दरी मां महामाया का एकाग्रता पूर्वक ध्यान करें। ध्यान के पश्चात पूर्ण श्रृद्धा-भक्ति से पंचोपचार से पूजा कर संतान भाव से मां के समक्ष अपना मनोरथ व्यक्त कर दें। वशीकरण सम्बंधी प्रयोगों में लाल रंग का विशेष महत्व होता है अत: प्रयोग के दोरान यथा सम्भव लाल रंग का ही प्रयोग करें। मंत्र का प्रयोग अधार्मिक तथा अनैतिक उद्देश्य के लिये करना सर्वथा वर्जित है।
अगर आप दुश्मन से तंग आ गए हो या दुश्मन को वश में करना चाहते हो तो दिए हुए मंत्र और विधि का उपयोग कर सकते हो.
विधि : शनिवार के दिन सुबह जल्दी स्नान कर करे माँ काली के मन्दिर जाये फिर किसी सुनसान जगह पर जाये। २ निम्बू ले और एक पर अपना नाम और दूसरे पर उस इंसान का नाम लिखे। एक सफेद कागज पर उस इंसान का नाम 21 बार लिखे और निम्बू को उस कागज में लपेट कर रख दे. २१ बार मंत्र का जाप करे फिर उन नीम्बुओं को कागज से निकाले और काटकर उसका रस पी जाए. दूसरे दिन कागज और नीम्बुओं को बहते हुए पानी में बहा दे, फिर अगले दिन से ११ दिनों तक मंत्रो का जाप करे.
 
 

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