धूली मोहिनी :
धूली मोहिनी मंत्र : धुली आहन धुली बाहन ए धूली सारी मारीलो छातिनी एडीबा कुलोर जाती मारो क तजीबी बापोक तजीबा तजीबा हुनुर भाई कुलार स्वामी छाडीबि (धूली मंत्र सीने पर मारता हुं, अगर मेरे को तजे तो अपने सुन्दर भाई ब कुल के पति को भी छोड़ देबे )।
आहीबि मोर ठाई (मेरे स्थान पर आबे) मोर बचन गुरूर दाक मोक न देखी अमुकी देह प्रान दि थाक ।।फू:।। (मेरा बचन गुरु की शक्ति अमुकी मेरे को नहीं देखे तो उसके प्रान चले जायें) ।
बिधि – बायें पैर की मिट्टी की धूल को मंत्र कर स्त्री के कपडे पर मारे तो बशी होबे ।
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