नटिनी योगिनी साधना :
नटिनी योगिनी देबी तीनों लोकों को मोहित करने बाली, गौरबर्ण, बिचित्र बस्त्रों को धारण करने बाली, बिचित्र आभुष्ण से सुसज्जित तथा सुन्दर नर्तकी का बेष धारण करने बाली है ।
साधन बिधि – नित्यकर्म से निबृत हो, न्यास एबं पूजनादि के उपरांत धूप निबेदित कर उक्त मंत्र का प्रतिदिन 1000 की संख्या में जप ध्यान करते रहें ।
नटिनी योगिनी का साधन मंत्र यह है –
“ॐ ह्रीं नटिनी स्वाहा ।”
उक्त बिधि से एक मास तक पूजन, ध्यान तथा मंत्र जप करते रहें । महीने के अंतिम दिन महा पूजा करें । इससे नटिनी योगिनी प्रसन्न होकर अर्द्धरात्रि के समय साधक के समक्ष प्रकट होती हैं । पहले बे परीक्षा लेने के लिए साधक को अनेक प्रकार से डराती है, परन्तु यदि साधक भयभीत न होकर निरन्तर मंत्र जप करता है तो बे उससे इच्छित बर माँगने के लिए कहती है । उस समय साधक को चाहिए की बह पाद्य, अर्घ्य, पूजन तथा भक्ति द्वारा देबी को संतुष्ट कर उन्हें माता, बहिन अथबा पत्नी के रूप में जो जो चाहे – संबोधित करें ।
यदि उन्हें मातृ भाब में स्वीकार किया गया हो बे साधक का पुत्र की भाँती पालन करती रहेंगी तथा प्रतिदिन सौ स्वर्ण मुद्रा एबं अभिलाषित पदार्थ देती रहेंगी । यदि बहिन के रूप में भजा गया तो बे उसे प्रतिदिन भोग के लिए एक नाग कन्या तथा राज कन्या लाकर दिया करेगी तथा उसे भूत, भबिष्य एबं बर्तमान की सभी घटनाओं का ज्ञान कराती रहेगी । और यदि उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया गया तो बे बिपुल धन ,नानाप्रकार के उपचार, अभीष्ट भोजन प्रतिदिन सौ स्वर्ण मुद्रा तथा रति सुख प्रदान करती रहेगी । परन्तु देबी को पत्नीरूप में स्वीकार करने बाले साधक को फिर अन्य प्रत्येक स्त्री का, चाहे बह अपनी पत्नी ही क्यों न हो, संसर्ग त्याग देना चाहिए ।
तंत्र साधना कोई निकृष्ट कर्म नहीं, बल्कि चरम रूप है आराधना ,उपासना का । तंत्र के बारे में जानकारियों के अभाब ने ही आज हमसे छीन ली है देबाराधना की यह सबसे प्रभाबशाली पद्धति । यदि साधक में भरपूर आत्मबिश्वास और निश्चय में दृढ़ता है तो बह श्रद्धापूर्बक साधना करके आसानी से अलोकिक शक्तियों और आराध्यदेब की बिशिष्ट कृपाओं को प्राप्त कर सकता है । सिद्ध साधक बनने के लिए आबश्यकता है साधना के पूर्ण बिधि – बिधान और मंत्रो के ज्ञान । साधना और सिद्धि प्राप्त केलिए आज ही सम्पर्क करे और पाए हर समस्या का समाधान – 9438741641 (Call/ Whatsapp)