ताल भागी तोर ,जहाँ को भेज वहीँ को जाये
मांस मज्जा को शब्द बन जाये
चलत बाण मारू ,उलट मूठ मारू
चौमुखा दीवा ,मार बड़ी की छाती
इतना काम मेरा न करे तो तेरी माता का ढूध हराम |
विधि :- इस मंत्र को सिद्ध पुरुष के सानिध्य में ही करे , जिस स्त्री को वशीभूत करना ह उसके बांए पाँव की मिटटी लेकर ,इस मंतर से सात बार पढ़कर उसके सर में डाल दें |वह आपके वश में हो जाएगी |
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