पोलियो :

पोलियो :

“पोलियो” (Polio) बच्चो में होने बाला एक भयंकर रोग है । यदि असाबधानी की जाये तो परिणामस्वरूप जीबन भर के लिये बच्चा बिकलांग हो सकता है । सम्पूर्ण बिश्व में पोलियो (Polio) के निराकरण के लिये चलाये जा रहे “पोलियो उन्मूलन अभियान” के द्वारा किये गये प्रयासों से पोलियो (Polio) पर कुछ अकुंश लगाया जा सकता है ।
 
इस रोग में रोग के जीबाणु बच्चे की रीढ की हडडी पर संक्रमण करते हैं । जिस कारण बच्चे का कोई सा भी अंग रोगग्रस्त होकर निष्क्रिय हो जाता है तथा हडिड्यां सुख जाती हैं । जिससे हडडी का आकार बिगड जाता है । यह बायु संक्रमित रोग है । यदि बच्चे को प्रतिरक्ष्यीकरण टीके लगबाये जाते हैं तो इस रोग के होने की आशंका या सम्भाबना लगभग खत्म हो जाती है । इसीलिये आबश्यक है कि बच्चो को पोलिय प्रतिरक्ष्यीकरण टीके लगबाने चाहिये ।
 
ज्योतिषीय सिद्धांत :
पोलिय (Polio) का कारक ग्रह शनि को माना गया है । यदि लग्न में मकर अथबा कुम्भ राशियों उदित हो रही हों और चन्द्रमा पर शनि सहित तीन –चार अन्य पाप ग्रहों की भी दृष्टि हो तो पोलिय (Polio) होने का योग बनता है । शनि, राहु, केतु तथा चन्द्रमा का कमजोर होना भी पोलिय (Polio) रोग होने का खतरा रहता है ।
 
नीलम, लाजबर्त या इन्द्रनील स्फटिक का लांकेट बनाबकर गले में पहनें । छोटी अंगुली में पुखराज की अंगूठी बनाबकर पहन सकते हैं ।

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जय माँ कामाख्या

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