1. लक्ष्मी मंत्र की सिद्धियां अर्धरात्रि के बाद किसी एकान्त गुफा या कख्य में करें ।
2. टीका और लेप (आज्ञाचक्र + लक्ष्मी का बिन्दु) रक्तचन्दन, हल्दी, धनिया, चिकनी पीली मिटटी और बरगद की जड का करें ।
3. केसर, गोरोचन, हल्दी, सिन्दुर,कमल के पराग का भी टीका लगाया जा सक्ता है ।
4. आसन मृगछाल या हल्दी से रंगा सूती लें ।
5. दायीं बांह में हल्दी की गांठ का सिद्ध ताबीज बांधें ।
6. लक्ष्मी के सभी रूप अन्न्पूर्णा, सन्तोषी माता, बैभब लक्ष्मी (ये बाद के कृतिम भाब है) या शास्त्रिय रूपों की साधना में यही तत्व अपनायें ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या