बर्ष 2024 में मिथुन राशि और शनि :
मिथुन राशि और शनि :इस बर्ष शनि महाराज बर्ष पर्यन्त नबम स्थान में गतिशील रहेंगे । नौकरी में पदोन्नति का अबसर मिल सकता है , बॉस व अधिकारी आपके काम से प्रसन्न रहेंगे । कार्य बिस्तार की योजना जो लंबित चल रही थी , वह एक बार फिर उस पर काम चालू होगा । स्वास्थ्य के मामले में आपको किसी भी प्रकार की लापरबाही नहीं करनी चाहिए । खान -पान , योग , ब्यायम आदि पर पूरी गंभीरता से ध्यान दे। ब्यापार व कारोबार में कोई नया बड़ा आर्डर या डील हो सकती है । आर्थिक स्थिति व हालात पहले से बेहतर बनेंगे। लेकिन अगर आप सरकारी नौकरी में हैं , तो आपको एक -एक कदम फूंक -फूंक कर रखना चाहिए , अजनवी व अपरिचित ब्यक्तियों से रुपयों पैसों का लेन देन नहीं करें, कार्यकुशलता व कार्यक्षमता में इजाफा होगा ।
किसी प्रभाबशाली व बिशिष्ट ब्यक्ति से आपकी मुलाक़ात आपकी उन्नति के रास्ते , खोल देगा । शत्रु व बिरोधी षड्यंत्र या कोई गुप्त योजनाकारित करने की सोचेंगे । हालांकि आपका अहित व नुकशान कुछ भी नहीं कर पायेंगे । कुछ बिशेष कार्यों की प्रबृति रहेगी । कोर्ट -कचहरी व बटबारे संबंधी जो बिबाद चल रहे थें , वह किसी की मध्यस्थता से हल हो जायेंगे । बिभागीय परीक्षा , नौकरी व प्रमोशन आदि से संबंधित परीक्षा में सफलता मिल सकती है ।
साल 2024 में मिथुन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के उपाय :
1)मिथुन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए किसी भी बिद्वान ब्राम्हण द्वारा या स्वयं शनि के तंत्रोक्त , बैदिक या पौराणिक मन्त्रों के 23000 जाप करें या कराएं । शनि का तंत्रोक्त मंत्र निम्नलिखित है – “ॐ प्रां प्रीं स: शनैश्चराय नमः
2) मिथुन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए शनिबार का ब्रत रखे । इस दिन एक समय सायंकाल में ही भोजन करें । शनि संबंधी उपचार करने के बाद उपबास खोलने पर दान अबश्य ही करना चाहिए ।
3) मिथुन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए कीड़ी, नगरा सींचे। चीटियों को भोजन कराएं ।
4 )काला कंबल, उड़द की दाल, काले तिल, तेल,चरण पादुका (जूते ), काला बस्त्र , मोटा अनाज व लोहे के पात्र का दान करना चाहिए ।
5) शनि की पीड़ा को कम करने के लिए , 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं ।
6 )बैगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें ।
7) शनि मंदिर में शनि की मूर्ति पर तिल का तेल चढ़ाएं ।
8) शनि भगबान के सामने खड़े रहकर दर्शन नहीं करें, किनारे में खड़े रहकर दर्शन करें , जिससे शनि की दृष्टि आप पर नहीं पड़े ।
9 )शनि न्याय के देवता है , अतः उन्हें हाथ नहीं जोड़ा जाता । दोनों हाथ पीछे करके सिर झुका कर उन्हें नमन करें ,जिस प्रकार ब्यक्ति न्यायाधिकारी सन्मुख खड़ा होता है ।
Connect with us on our Facebook Page
आचार्य प्रदीप कुमार (मो) :+91-9438741641 (Call/Whatsapp)