बर्ष 2024 में मीन राशि पर शनि का प्रभाब :
मीन राशि और शनि : इस बर्ष मीन राशि बाले लोगों को शनि की साढ़ेसाती आरम्भ हुई है । भोज संहिता के अनुसार द्वादश स्थान का शनि अनर्थ कारक माना गया है । यह साल आपके लिए संघर्षों से परिपूर्ण रहेगा । स्वास्थ्य में भी इस साल काफी चुनौतियां रहेंगी । आपको रोगों से साबधानी रखनी चाहिए , दीर्घकालीक रोग व मौसमी बीमारियों से दिक्क़ते रहेंगी । कमजोरी थकान , अनिद्रा आदि से आप परेशान रहेंगे । घर में रोजमर्रा व दैनिक उपयोग की कोई बस्तु की ख़रीद कर सकते हैं । वहीँ इस बर्ष दीर्घकालिक महत्व की योजनाएं बाधित होगी । शत्रु व षडयंत्र सक्रिय रहेंगे , आपका महत्व व दबदबा कम होगा । खर्चा भी अधिक होगा । फिजूल खर्चों से बचें । आर्थिक मामलों में किसी पर भी बिश्ववास करना आपकी भूल होगी । भागीदार व सहकर्मी की हर गतिबिधि हरकत पर नजर रखें ।
परिबार में बाताबरण तनाबपूर्ण रहेगा । परिस्थितियां आपके पक्ष में नहीं रहेंगी । नौकरी में बॉस व अधिकारी आपके काम से नाखुश रहेंगे । सहकर्मी ईर्षा व जलन से बशीभूत होकर आपके बिरूद्ध कोई गुप्त योजना या षड़यत्र -कारित कर सकते है । प्रेम -प्रसंग उजागर हो सकता है ,जिससे आपकी बदनामी तो होगा । साथ ही परिबार में भी तनाब बढ़ जाएगा ।
30 जून से 15 नवंबर के मध्य शनि बक्र रूप से चलायमान रहेंगे । शनि की उलटी चाल आपके लिए भारी पड सकती है । बाहन साबधानीपूर्बक चलाबें । किसी को भूलकर भी उधार नहीं दें , बुरी आदतों , बुरी सोहबत का त्याग कर दें । अपने दो नंबर के व अनुचित कार्यों को फिलहाल बंद रखें । बिना पढ़े किसी भी कागजाद पर हस्ताक्षर करना आपकी भूल ही होगी । शनि की पीड़ा को कम करने के लिए काले घोड़े की “शनि मुद्रिका “मध्यमा अंगुली में धारण करे , तथा शनि शान्ति के निम्न उपाय बेहद कारगार साबित होता है ।
साल 2024 में मीन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के उपाय:
1)मीन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए किसी भी बिद्वान ब्राम्हण द्वारा या स्वयं शनि के तंत्रोक्त , बैदिक या पौराणिक मन्त्रों के 23000 जाप करें या कराएं । शनि का तंत्रोक्त मंत्र निम्नलिखित है – “ॐ प्रां प्रीं स: शनैश्चराय नमः”
2) मीन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए शनिबार का ब्रत रखे । इस दिन एक समय सायंकाल में ही भोजन करें । शनि संबंधी उपचार करने के बाद उपबास खोलने पर दान अबश्य ही करना चाहिए ।
3) मीन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए कीड़ी, नगरा सींचे। चीटियों को भोजन कराएं ।
4 )मीन राशि और शनि के दुस्प्रभाब को कम करने के लिए काला कंबल, उड़द की दाल, काले तिल, तेल,चरण पादुका (जूते ), काला बस्त्र , मोटा अनाज व लोहे के पात्र का दान करना चाहिए ।
5) शनि की पीड़ा को कम करने के लिए , 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं ।
6 )बैगनी रंग का सुगन्धित रूमाल पास में रखें ।
7) शनि मंदिर में शनि की मूर्ति पर तिल का तेल चढ़ाएं ।
8) शनि भगबान के सामने खड़े रहकर दर्शन नहीं करें, किनारे में खड़े रहकर दर्शन करें , जिससे शनि की दृष्टि आप पर नहीं पड़े ।
9 )शनि न्याय के देवता है , अतः उन्हें हाथ नहीं जोड़ा जाता । दोनों हाथ पीछे करके सिर झुका कर उन्हें नमन करें ,जिस प्रकार ब्यक्ति न्यायाधिकारी सन्मुख खड़ा होता है ।
Connect with us on our Facebook Page
आचार्य प्रदीप कुमार (मो) :+91-9438741641 (Call/Whatsapp)