विष्णु मंत्रो से सिद्धि :
1. चन्दन ,तुलसी की जड, केसर, मुलेठी और बिषणुप्रिया की जड-घिसकर ह्रूदयमूल,पीछे रीढ में ह्रूदयमूल, आज्ञाचक्र पर लगायें।
2. तामसी बिधि (काकिणी सिद्धि) में कौबे का जिगर,मोर का पंख, कबूतर का जिगर, मदिरा और हलदी पीस-घोटकर उपर्युक्त बिन्दुओं पर लगायें।
3. प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में उगते सूर्य के समख्य साफ निर्जीब स्थान में सिद्धि करें। पेट साफ रखें।
4. रेशम या म्रूगछाल प्रयोग करें।
5. दायी बांह पर तांबे का बन्द या कलाई में तांबे का कडा पहनें।
बिष्णुजी के रुपों, सूर्य एब इन्द्र की सिद्धियों की बिधि भी यही है।
1. श्रीक्रूष्णजी की सिद्धियों में सरलता होती है।बिशेषकर स्त्रियों के लिये।
2. राम की सिद्धि हेतु आचरण-मर्यादा के नियमों का कठोरता से पालन करना होगा।
3. गुरुमंत्र और गुरुक्रूपा की सिद्धि में गुरु के प्रति अनन्य भक्ति और श्रद्धा होनी चाहिए। गुरु को अबतार मानकर की गयी पूजा बिष्णु के समान ही होती है।
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