शत्रुनाश एबं पीड़ा :

शत्रुनाश एबं पीड़ा :

शत्रुनाश एबं पीड़ा : भूकंप के दिन की मिट्टी, मसान की मिट्टी एबं बाह्मर के पते (एक बिशेष पेड़) इनको एक मिट्टी की हांडी में इकठा करके जमीन में गाड देबे । तीन दिन तक हबन समय काम आये, पेड़ के पत्तों पर बलि देबे । यदि ठीक करना हो तो आक के पेड़ की जड़, नाहरकांटा की जड़ से स्नान करायें ।

“श्री दुर्गाय नम: । हाते काम्पे काम्पे देबगन हर्म्मंन हर्म्मंन आई महादेबर गर्जन लोक कांपी । दुर्गा माओ तोहोर काहीनि तो होर हुनो कानपाति तोहोर बिरागन आसे कोन थाने गासे आसेने आकाहे आसेने भया में आसे ने भारस्ते आसे ने आसे थाई थाई ईहार देखी धरीबि रबि धरनिया आमुकीक काति भांगीबि (अमुक स्त्री ब पुरुष के अंग भंग) दूई सक्षु (दोनों नेत्र) दूई हाथ ईहार सक्षुत लीबि दूई कूम धरीबि ताली आमुकीक पलाईबि मारी जदी ना मारीब न धरीबि हर माहादेबर माथा खाबी (फू:) ।”

बिधि :- भूमी कंपर ब माती, मसानर माती बाहमरलीर पात ।

Our Facebook Page Link

समस्या का समाधान केलिये संपर्क करे : 9438741641(call / whatsapp)

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment