मंत्र : “मन मना गुरु रतना, छ्पक देब हरताल, जगर-बगर तेंदुआ होय, बिजली चमके कोई घरी, कोई समय के बेर में । कोई हंसा ला हर बन्दन दे । जय चण्डी माता ।।”
बिधि : साधना एक दिन की है । साधना अमाबास्या की रात 11 बजे से लेकर 3 बजे के बिच मे साबर मंत्र बिधान से पुजा अनुष्ठान करते हुए चिता की राख, हरताल और सरसों से मंत्र जपते हुए 1188 बार उक्त मंत्र से “हबन” करें तथा एक मुर्गे की बली दें । “हबन” की राख शत्रु के सिर पर डालने से उसका नाश होगा ।
{शत्रु बिनाशक मंत्र आप किसी सिद्ध गुरु की मुख से प्राप्त करके उंनके सानिध्य मे रहते हुए सम्पन्न करे । बिना गुरु से किया हुआ कार्य ओर लालच मे आकर किया हुआ साधना कभि भी सफल नहि होता है ।}
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 / 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या