पथरी का ज्योतिषीय कारण

पथरी (Kidney Stone):

पथरी रोग में पित्ताशय में अत्यन्त सूख्य्म आकार के पत्थ्र से बन जाते हैं । जो शरीर में स्थित कोलेस्ट्रोल तथा चुने का अंश होते हैं । प्रारम्भिक अबस्था में इस रोग के लख्यण स्पष्ट नहीं होते तथा न ही रोगी को किसी प्रकार की पीडा होती है । रोग जब बढ जाता है, तब रोगी को बमन ब दर्द आदि की शिकायत होती है । पिताशय में सूजन भी आ जाती है और पाचन शक्ति का असंतुलित हो जाना इस रोग के लख्यण है । इस रोग को आंप्रेशन के द्वारा ठीक किया जाता है ।

 
ज्योतिषिय सिद्धांत :
लग्न या सातबें भाब में यदि पाप ग्रह या नीच राशि हो तो इस रोग से रोगी को अधिक कष्ट होता है । कर्क राशि का शनि और मकर राशि में ग्रह बैठे हों, तुला राशि का सूर्य तथा मीन राशि में अनेक ग्रह बैठे हों तो भी पथरी होने की अधिक सम्भाबना होती है ।
 
निदान :
नीला पुखराज, लाल मूंगा तथा मूनस्टोन धारण करें, यदि कष्ट कम न हो तो माणिक्य या मोती धारण करें, लाभान्वित होंगे ।

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जय माँ कामाख्या

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