“बशीकरण अंगूठी मंत्र ” एक प्रमुख वशीकरण मंत्र है , यह मंत्र बिभिन्न प्रयोजन के लिए प्रयुक्त होता है , जैसे कि प्रेम में सफलता पाना , सघर्षों को शांत करना , ब्यापार में बृद्धि करना ,पति पत्नी में अनबन को दुरी करना आदि में प्रयोग किया जाता है । इस मंत्र को जाप करने से व्यक्ति का मन प्रयोजन के अनुसार प्रवृत्त होता है और उनकी इच्छाएं पूरी होने में सहायक होती हैं।
बशीकरण अंगूठी मंत्र : “मोहकम मोहकम कंहा से आया , यह किसका संदेश लाया । किसको रोली किसको चन्दन ,किसको फूल बतासा अंजन । काल को भैरू जोगनि छोडू । काल को मोडूं मुख को जोडूं ।सत्य बचन आदेश गुरु गोरखनाथ का ।”
इस मंत्र को सिद्ध करने से पूर्ब साधक अपने अनुकूल राशि की अंगूठी बनाबे लेबे ।इस मंत्र का जप करते समय साधक पीले बस्त्र पहने एबं दक्षिण दिशा की और मुख करे ।जप करते समय साधक को अपना ध्यान अंगूठी पर केन्द्रित रखना चाहिए । ग्यारह दिन तक यह जप करे ।मंत्र सिद्धि होने के बाद अंगूठी को पहन लेबे प्रयोग करते समय एक कागज़ लेकर उस पर जिसे बश में करना है उस साध्य पुरुष – स्त्री का नाम लिखे तत्पश्चात उस अंगूठी को उस कागज़ पर स्थापित कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए । इससे उक्त साध्य पुरुष –स्त्री साधक के बश में हो जायेगे ।
यह मंत्र प्राचीन समय से ही वशीकरण के लिए प्रयुक्त होता आया है और अभी भी लोग इसे विशेष उद्देश्यों के लिए जापते हैं। ध्यान और नियमितता के साथ इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और उनके जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
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आचार्य प्रदीप कुमार (मो) -9438741641 (Call/ Whatsapp)