मंत्र : “ओम ह्रीं क्लीं श्रीं कंकाली काली मधुमता मातंगी मद-बिहली मन-मोहिनी मकरध्वजे स्वाहा ।।”
बिधी : पहले उक्त मंत्र को 108 बार जप कर जल को अभिमंत्रित करें । फिर उस जल से मंत्र का स्मरण करते हुए स्नान करें । इससे शरीर की कान्ति, तेज और ओजस बढता है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 /9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या