शिव मोहिनी विद्या साधना कैसे करें ?

शिव मोहिनी विद्या साधना कैसे करें ?

शिव मोहिनी विद्या : तंत्र विद्या के प्राचीन ग्रंथों में वशीकरण और मोहिनी विद्या का विस्तार से वर्णन मिलता है । मोहिनी से प्रभावित व्यक्ति की दशा किसी सम्मोहित व्यक्ति की तरह होती है। यहां तक कि वह चेतन अवस्था में भी सम्मोहित रहता है । तंत्र में मोहिनी विद्या का प्रयोग त्राटक, मंत्र और यंत्र के द्वारा किया जाता है।खास बात यह भी है कि सम्मोहन जीवन के समस्त क्षेत्रों में अपना प्रभाव और महत्व रखता है । आधुनिक युग में भले ही इसे पूरी मान्यता न मिली हो पर इसका इतिहास बहुत पुराना है । इसके सूत्र वेदों में मिलते हैं। इन सबसे अलग मोहिनी विद्या के सबसे कुशल और शक्तिशाली प्रयोगकर्ता भगवान कृष्ण थे । वे मोहिनी और वशीकरण विद्या के पूर्ण आचार्य थे ।
ऋग्वेद में लिखा है-
हस्ताभ्यां दशाखाभ्यां जिह्वा वाचं पुरो गवो।
अनामयिलुभ्यां त्वां ताम्यां स्पृश्यामसि।।
अर्थात: मेरी जिह्वा वाणी को प्रथम प्रेरणा देने वाली है । मैं तुमको दस अंगुली रूपी शाखा वाले अपने दोनों हाथों से स्पर्श करता हूं इससे तुम्हारा रोग दूर होगा और आरोग्य बढ़ेगा ।
यह मोहिनी प्रयोग का सबसे सुंदर उदाहरण है । दुर्गा सप्तशती में इस विद्या का उल्लेख कुंजिका स्तोत्र में मिलता है ।
मारणं, मोहनं, वश्यं, स्तंभोच्चाटनादिकम्।
पाठ मात्र संसिद्धयेत कुंजिका स्तोत्रम्।।
वानर राज बालि को वरदान प्राप्त था कि उसका विरोधी युद्ध क्षेत्र में उसकी सामना करते ही आधा बल खो देगा । बालि की वाणी और नेत्रों में इतनी प्रबल मोहिनी थी कि जैसे ही वह क्रोध से शत्रु को देखता था, उसकी आधी शक्ति समाप्त हो जाती थी ।
आज के समय मे ऐसी प्रबल सिद्धि तो संभव नही है परंतु आनेवाले पावन पर्व पर आप शिव मोहिनी साधना संपन्न कर सकते है । शिव मोहिनी साधना एक दिवसीय है और इस साधना में आपको सिर्फ रुद्राक्ष माला की जरूरत है । आपको अगर साधना के माध्यम से सफलता मिल जाये तो समझ लीजिए आपका जीवन धन्य हो जाएगा ।
शिव मोहिनी विद्या साधना विधि : महाशिवरात्रि / आनेवाले पावन पर्व के दिन सूर्योदय के बाद दूसरे दिन के सूर्योदय से पूर्व यह शिव मोहिनी विद्या साधना किसी भी समय पर कर सकते है । आसन वस्त्र दिशा का कोई बंधन नही है इसलिए आपको जैसा उचित हो आप आसन वस्त्र का इस्तेमाल करे और हो सके तो उत्तर दिशा में मुख करके मंत्र जाप करे । शिव मोहिनी विद्या मंत्र जाप शिवलिंग के सामने करना आवश्यक है, मंत्र का कम से कम 21 माला जाप करे, हो सके तो मंत्र जाप से पूर्व सामान्य पद्धति से अवश्य ही शिवपूजन करे ताकि आपको पूर्ण सफलता मीले ।
शिव मोहिनी विद्या मंत्र – ।। ॐ शं शिवाय मोहिनी सिद्धये ह्रीं ॐ नमः ।।
छोटासा मंत्र है परंतु अचूक कार्य करता है,इसका प्रभाव जीवन मे आप आसानी से देख सकते हो जैसे लोगो का आपके प्रति मान-सम्मान बढ़ना,आपको प्रेम के क्षेत्र में सफलता मिलने,व्यापार में आपको अच्छे ग्राहकों से संबंध जोड़ना,घर मे होनेवाले झगड़े कम होना ऐसे बहोत से अनुभव हो सकते है । विशेष कार्य मे आपको जिसे वश करना है उसके लिए संकल्प लेकर जाप करने से भी सफलता मिलती है ।

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