रक्षार्थ एबं बिजयार्थ शाबर मंत्र :
मंत्र :“हाथ बसे हनुमान, भैरो बसे लिलार !
जो हनुमंन्त को टीका करे, मोहे जग संसार !!
जो आवे छाती पांव धरे, बजरंग बीर रक्षा करै !
मह्म्म्दा बीर छाती टोर,जुगुनियां बीर सीर फोर !!
उगुनिया बीर मार-मार भास्वन्त करे,
भैरो बीर की आन फिरती रहे, बजरंग बीर रक्षा करे !
जो हमारे उपर घाब छाले, तो पलट हनुमान बीर उसी को मारे !
जल बांधे, थल बांधे, आर्या आसमान बांधे,
कुदबा और कलबा बांधे, चक-चक्की-असमान बांधे !
बाबा साहिब, साहिब के पुत, धर्म के नाती ! आसरा तुम्हरा है !!”
बिधान : सर्बप्रथम उक्त मंत्र को शाबर-बिधि से सिद्ध कर ले! फिर नित्य प्रति 5-7 बार इसका उचारण करते रहे !अपने सत्रु और प्रतिद्न्दी को परास्त करने, अपनी रक्षा करने और बिजय-प्राप्ति के लिये उक्त मंत्र बहुत प्रभाबी है !इस मंत्र से ताबीज या गंण्डा बनाकर किसी दुसरे ब्यक्ति की रक्षा एबं बिजय हेतु भी प्रदान किया जा सक्ता है!
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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