|| मंत्र || – { ॐ ऐं ह्रीं महा विकराल भैरवाय ज्वालाकताय मम शत्रु दह दह पच पच उन्मूलय उन्मूलय ॐ ह्रीं ह्रीं फट स्वाहा।}
विधि: इसका जप ४० दिन तक करना है। प्रतिरात शमशान में १ माला जपनी है भेंस के आसान पर रुद्राक्ष की माला से। जब मंत्र जप पूरा हो तब सरसों से हवन करें, १०८ आहुतियां दें।
ये केवल सामान्य जानकारी है।भूल से भी ये क्रिया बिना गुरु आज्ञा और बिना गुरु के साथ हुए न करे।बरना अपने नुकसान के आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या