विभीषण कृत शाबर रक्षा कवच साधना :
“सिल्ली सिददुर वज्र के ताला, सात सौ वीर लूरे अकेला,
धर दे वीर पटक दे वीर ,पछाड़ दे वीर,
अरे अरे विभीषण बल देखु तेरा ,शरीर बांध दे मेरा
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, सत्य नाम आदेश गुरु का !!”
जहां पे मेरा लिखा है उस की जगह उस व्यक्ति का नाम ले ,जिसे ठीक करना है ।
समय : रात्रि 9 बजे से या बाद
भोग : बूंदी के लड्डू या कोई भी मिठाई
मन्त्र कवच करते समय ब्रह्मचर्य आवश्यक है ,जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना है ,शराब मॉस नही खाना है।
मंत्र को विभीषण , हनुमान ,राम गुरू आदि का पंचोपचार पूजन करके सिद्ध करें। मंत्र का एक माला जाप करें तीन दिन ,येसा करने पर मंत्र सिद्ध हो जायेगा। उसके बाद जरुरत पड़ने पर इस मंत्र से गंडा या ताबीज़ बनाकर पीडित व्यक्ति को बांध दे । अचूक मंत्र है जिन्न के साथ साथ हनुमान जैसी प्रचंड शक्ति भी विभीषण की आन पर रुक जाती है।
ये केवल कवच नही है ,आगे भविष्य मे जब आप किसी पीडित का इलाज भी इन मंत्रो से कर सकते है। किसी के घर का दुकान का बन्धन खोल सकते है।भूतप्रेत का इलाज कर सकते है।शरीर के दर्द को बन्द कर सकते है। किसी को सुरक्षा देने के लिये ये बहुत बेहतर काम करते है, आप इने केवल रक्षा के लिये ना समझें इनसे ही पूरी झाडफूक की जाती है। ये मन्त्र उत्तर दिशा की ओर मुह करके रूद्राक्ष की माला से करने है।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
सम्पर्क करे: मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या