सर्वविद्या मोहनी शाबर मन्त्र :
१) सतनाम आदेश गुरु जी को ॐ गुरु जी को
सर्व विद्या मोहनी तेरी जय जय कार
गोरख करे आदेश आन बैठे मेरे देश
मेरी चलाई ,कोई रोक न पाये यहाँ तू
रोके तुझको गोरख सताये दू वास्ता तुझको
गोरखनाथ मछिन्दर चेला,शिवसवरूप
आसान पर बैठे करे आदेश जय हो मेरे
नाथ के नाथ अलख आदेश – ३ !
२) मोहनी मोहनी महा मोहनी मारेलिल्लाट
हो जग बेहाल,तुझको जो देखे एक बार
हो जायगा वो मेरा गुलाम सर्ब मोहनी
जग उठ खड़ी हो जा लग मेरे काम तुझको
लगे आदेश योगी के बेस बैठे गादी गोरखनाथ
शिव के बेस मारो फुंकार करो कलियाँ जय हो
मोहनीमाता करदे मेरा काम लगे गोरख वच्चा !
दोनों मन्त्र बहोत शक्तिशालि है परंतु यह बिना गुरु दीक्षा के बिना सिद्ध करना संभव नही। यह साधक अपने गुरु के कहे अनुसार ही सिद्ध करे।
विधि- अमावस्या में 108 माला जप करनी हैं लाल आसान और मुख दक्षिण दिशा की और कमरे में केवल एक दिये की रौशनी में यह साधना करनी है।
मोहिनी के परतक्षिकर्ण में तुम आशिर्वाद के रूप में कुछ भी मांग सकते हो। साधना केवल जनकल्याण के लिए ही इस्तेमाल करे।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या