सुलेमानी पीर बुधु शाह प्रत्यक्ष साधना :
यह साधना बहुत ही तीक्ष्ण साधना है, इसे वही साधक करें जो साधना में आलस्य ना अपनाते हो क्योंकि अगर साधक साधना में लापरवाह हो तो बुधु शाह साधक की पिटाई जरुर कर देते है इस लिए बहुत ही ध्यान देने योग्य है, यह साधना साबर अढाईआ मन्त्र के अंतर्गत आती है। यह बिल्कुल प्रत्यक्ष की हुई साधना है। एक बार नहीं बहुत बार की हुई है और हर बार सफलता से हुई।
यह साधनाएं कभी निष्फल नहीं जाती जो आप सचे मन से मेहनत करते हो वह आपको कभी ना कभी फल जरुर देती है, इस में कोई शंशय नहीं है। इस साधना के कई लाभ है यह लॉटरी सटा अादि भी देती है और जीवनभर साधक की रक्षा भी करती है और पीर बुधु शाह जी की मदद से आने वाले और बीत चुके समय की जानकारी मिलती रहती है वे किसी के भूत भविष्य में झांक सकते है, और यह साधना कई उलझे हुए रहस्य सुलझा देती है बाकि इसक और भीे बहुत से लाभ है आप स्व कर प्राप्त कर सकते हैं, मगर इसे अजमाने के इरादे से ना करें और साधना में आलस्य ना आने दें। इसलिए कहता हूं कि सुस्त साधक इसे ना करे।
1. यह किसी भी गुरुवार या मंगलवार को करे।
2. जप के लिए काले हकीक की माला प्रयाप्त है।
3. इस में किसी भी प्रकार का तेल ले सकते है फिर भी सरसों का या तिल का तेल ले लें ।
4. लोबान का धूप या अगरबत्ती इस्तेमाल करे।
5. वस्त्र काले और आसान कंबल का ले सकते है। 40 दिन साधना करनी है।
6. मन्त्र जप 21 माला करना है। जब भी बुधु शाह सामने आये, डरे ना बेजिझक अपने मन की बात कह दें।
{{ॐ नमो आदेश गुरु को, हनुमान की खोपड़ी, नाहर सिंह का कड़ा, जहाँ कहाँ याद करा, पीर बुधु शाह हाजर खड़ा।}}
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या