चमत्कारि दृष्टि मोहन मंत्र :
मन्त्रः- “ऐँ भग भुगे भगनि भागोदरि भगमाले यौनि भगनिपातिनि सर्व भग संकरी भगरूपे नित्य क्लैं भगस्वरूप सर्व भगानि में वशमानय वर-देरेते सुरेते भग ल्किंने क्लीं न द्रवे क्लेदय द्रावय अमोघे भग विधे क्षुभ क्षोभय सर्व सत्वाभगेश्वरी ऐं ल्कं जं ब्लूं मौं ब्लूं हे हे क्लिने सर्वाणि भगानि तस्मै स्वाहा।”
विधि – मंत्र का प्रयोग करने से पूर्व किसी भी शुभ मुर्हत में इस मंत्र को विधिपूर्वक सिद्ध अवश्य कर लेना चाहिए।सिद्ध पुरुष यदि इस मंतर का 108 जाप करते हुए किसी स्त्री से नजर मिलाये तो वह वशीभूत हो जाती है।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या