१- यदि आप किसी को अपने वश में करना चाहते हैं तो,सर्व-प्रथम रविवार को स्नान कर स्वच्छ होकर किसी एकांत जगह पर आसन लगाकर भैरव जी की प्रतिमा स्थापित करे और उसकी धूप दीप गुग्गुल धूप से विधिपूर्वक पूजा करें और पन्द्रह हजार बार मंत्रो का जाप कर उसे सिद्ध करे फिर आवश्यकतानुसार इस मन्त्र का १०८, 108 बार जप कर लौंग पर फूंक मारने जिससे यह लौंग अभिमंत्रित हो जाएंगे और इस अभिमंत्रित लौंग को जो भी व्यक्ति खाएगा वह आपके वश में आ जाएगा पर याद रहे या क्रिया आप किसी को हानि पहुंचाने की मनोभावना से ना करें।
मंत्र – “ॐ नमोहः रुद्रायः , कपिलायः भैरवायः , त्रिलोक-नाथाय, ॐ ह्रीं फट् स्वाहः”
२- यदि आपको आपका कोई शत्रु परेशान कर रहा है या प्रेम विवाह में दिक्कत आ रही है तब आपको भैरव वशीकरण मंत्रों की सहायता लेनी चाहिए इससे आप किसी को भी अपने वश में करके अपने कार्य को करा सकते हैं वह आप अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं जिसके लिए सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर पीपल के पत्ते तोड़ ले और उसमें उसका नाम लिख दे जिसको आप अपने वश में करना चाहते हैं फिर 7 बार मंत्रों को सात बार पढ़ कर उन पत्तों को अभिमंत्रित करने और यह पत्ते उस व्यक्ति के घर में फेंक दे या उसके घर के पीछे कहीं गाड़ दें आपका वह व्यक्ति वशीकरण हो जाएगा वह व्यक्ति आपके वश में आ जाएगा।
मंत्र –“ॐ भ्रां भ्रां भूँ भैरवायः स्वाहा। ॐ भं भं भं अमुक-मोहनायः स्वाहः”
३- इस मंत्र के चमत्कार से घर मे सुख और आनंद हो जाता है और आनंद की दात्री होती है घर की स्त्री अर्थात यदि घर मे पत्नी कलह करती हो या बार बार मायके जा कर बैठती हो या तलाक की बात करती हो या फिर पति को पत्नी अपेक्षित सहयोग ना मिलता हो , इस मंत्र का प्रयोग आवश्याही आपके लिये सफल सीध होगा।
“मोहिनी माता भूत पिता भूत सिर बेताल उढ़ ए काली[…..]को जा लाग
एसी जाके लाग[ …..]को लग जाये हमारी मुहबत की आग
न खड़े सुख ना लेटे सुख न सोते सुख
सिन्दूर चढ़ाऔं मंगलवार कभी ना छोड़े हमारा ख्याल।
जब तक ना देखे हमारा मुख काया तड़प तड़प मर जाये
चलो मंत्र फुरो वाचा दिखाओ रे शब्द अपने गुरू के इलम का तमाशा !!”
खाली जगह पर उस स्त्री का नाम ले जिसको आप वश मे करना चाहते हैं ,यह मंत्र केवल शादी शुदा लोगो को ही लाभ देता है। मंत्र महायोग की शक्तिशाली दुनिया मे मंत्र की वो शक्ति अनुभव कर सकते है जिस से टूटता हुआ घर,दिल व समाज ये सब बच सकते है।
४ – इस मंत्र को २१,००० जप करे ।आवश्यकता पड़ने पर २१ बार गुड़ को अभिमन्त्रित कर साध्य को खिलाए।
“नमो काला गोरा भैरुं वीर, पर-नारी सूँ देही सीर।
गुड़ परिदीयी गोरख जाणी, गुद्दी पकड़ दे भैंरु आणी,
गुड़, रक्त का धरि ग्रास, कदे न छोड़े मेरा पाश।
जीवत सवै देवरो, मूआ सेवै मसाण। पकड़ पलना ल्यावे।
काला भैंरु न लावै, तो अक्षर देवी कालिका की आण।
फुरो मन्त्र, ईश्वरी वाचा !!”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या