सुरख्या एबं कामना सिद्ध कबच :
साधक की सुरख्या एबं कामना सिद्धि के लिये सिद्ध आजमाये हुये कबच का मैंने और मेरे गुरुजी ने कई बार लाभ प्राप्त किया है ! चमत्कारी मुख्य कबचकुख्य इस प्रकार है एबं इनकी जानकारी चमत्कारी तंत्र-मंत्र-यंत्र एबं शमशान-भुत-प्रेत महाकाली, भैरब आदि की सिद्धि प्राप्त करने के लिये अपनी सुरख्या हेतु अपने गले में या दाहिनी भुजा (बांह) पर कबच, यंत्र,कडा, ताबीज (सुरख्या कबच) धारण कर लें इसके पश्चात ही साधना और सिद्धि प्राप्त करने का बिचार करें!
यह कबच अपने गुरुजी या किसी सिद्ध किये जाते है जैसे कि –
1) महाकाली कबच सुरख्या हेतु और तंत्र-मंत्र-यंत्र की सिद्धियों की प्राप्ति हेतु एबं समग्र प्रकार से रख्या के काम में लिया जाता है!
2) बगलामुखी कबच जो शत्रु नाश, मुकदमें में बिजय, शत्रु स्तम्भन, कौर्ट्-कचहरी आदि में लाभ हेतु एबं समस्त संकट निबारण के लिए!
3) भद्रकाली कबच शत्रु नाश मारण आदि हेतु!
4) भैरब कबच, शमशान सिद्धि, भुत-प्रेत आदि को बांधना एबं अनसे छुटकारा पाने हेतु धारण किया जाता है!
5) महाबिद्या भद्रकाली प्रत्यंगिरा कबच शत्रुओं द्वरा फैलाया गया तंत्र, मंत्र,माया जाल को समाप्त करने हेतु एबं उनकी क्रिया बापस भेजने के लिए उपयोग में आता है!
6) भगबती तारा कबच एबं यंत्र तांत्रिक बंधन को काटने के लिये अपयोग मे लिया जाता है और साधक के परिबार की सुरख्या हेतु धारण किया जाता है!
7) मातंगिनी यंत्र कवच समाज में मान सम्मान, ज्ञान, संगीत, पढाई आदि के खेत्र में लाभ हेतु अपयोग मे लिया जाता है!
8) पंचमुखी हनुमान कबच समस्त संकटो का निबारण एबं शत्रुओं का नाश हेतु धारण किया जाता है!
9) महाम्रूत्रुंज्जय कबच रोग और अकाल मौत से सुरख्या हेतु!
10) बीर हनुमान कबच सर्ब प्रकार से रख्या हेतु तथा भूत-प्रेत आदि का निबारण और उनसे बचने के लिये धारण करते हैं!
11) महाबिद्या प्रचण्ड चणिडका छिन्मस्ता कबच सर्ब शत्रुओं से छुटकारा पाने हेतु उपयोग में लिये जाता है! ये कबच (यंत्र) सोने में, चांदी में, ताम्बे अथबा अष्ट धातु में बनाये जाते हैं! इनकी साधना सिद्ध साधक ही कर पाते हैं! ये उंच कोटि के साधक करके अपने शिष्यों को देते हैं!
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या