कामरू देश की योगिनी का मंत्र मेली क्रिया का सिद्ध :
।। मैली बिद्या का मंत्र ।।
ॐ क्लीं नमो नमो नमो माई अघोरी की मेलडी। ॐ नमो
माता मेलडी। मेला मन्तर मेला जाप कामरू करिया। कामाख्या
की चेली। मन्तर भणीया लाल मुर्गा काट काट मशाणे धरिया,
आजी भाजी का भोजन धरिया। साधे माई की मेली क्रिया
बन योगिन नगन भण्तर। बीच मसाण आसण लगायी।
काली काली कामाख्या माई दियो जगाये बचन बचन मानें
माई। ना जानें मेलडी की आण लगाई। भारी हलकारी मारी
ललकारी ना शले तो कामरू का पंथ जाये जोगण जोग भंग
होय श्वद मेरा ना चले मेरा गुरु लाजे। गुरु की शक्ति
कामख्या माता की शक्ति। मेलडी की आण चलो शव्द
योगिणी को जो पाछो पडे तो गौ हत्या को पाप कामरू
कामाख्या राणी पर चडे। काली कातक भणे मन्तर काला ना
फरी पाछी। तभी फिरी लुणा लुणी चमारण की चाटे पडसी
फट मर कुम्भी नरक में पडजा। दुहाई हमारे गुरु कोली की।
।। सिद्ध चमत्कारी अघोर मंत्र ।।
ॐ क्लीं क्लीं कं कं ह्रीं ह्रीं क्रीं भं क्रों स्त्रीं ऐं भगबती भंग
मालिनी। कपालिनी माया माया बिनी अन्त रूपिणी जोगिणी,
योगिणी, भूत भाबिणी मेली मसाणी चट झट माई आई मेलणी।
मेल उपजणी प्रगट प्रगटी अघोर रुपिणीम हुं फट फट स्वाहा।
नोट : यह मंत्र श्मशान की शक्तियों को सिद्ध करने के लिये उपयोग में आता है। उपरोक्त दोनों प्राचीन गुप्त सिद्ध मंत्र है। इनकी साधना बिधि गुप्त है। ये अघोर तंत्र की बिधि द्वारा सिद्ध की जाने बाली सिद्धियाँ हैं। यह अत्यन्त गुप्त एबं चमत्कारी सिद्ध गोपनीय प्रयोग है। यहाँ पर पूर्ण जानकारी देना उचित नहीं है। मैंने केबल मंत्र तो जानकारी के लिये दिया है। यह बिद्या कामरू की है। यह कुछ महिलाओं द्वारा किया जाता था और बाममार्ग अघोरी आदि किया करते हैं। उपरोक्त दोनों मंत्र श्मशान की साधना से सम्बन्धित हैं यह बिद्या की आज के समय में भी कामरू, चीन, असम, मद्रास, हैदराबाद, हिमालय, आदि जगह में कुछ कुछ जानकारियां सुनने में आती है। ऐसे तो हरेक खेत्र, राज्य जिले में तथा गांबो कस्बों में भी तंत्र साधना मिल जायेंगी लेकिन कुछ मुख्य रूप से चार पांच स्थानों के बारे मे अधिक कहा जाता है। साधकों इसकी साधना गुरु के द्वारा प्राप्त करें।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या