शत्रुओं पर बिजय पाने के लिये श्मशान साधना : (यह श्मशान की अघोर साधना का प्रयोग है)
इस प्रयोग को केबल सिद्ध साधक ही करे, यह अघोर तंत्र का उग्र प्रयोग है। साधक सोच समझ कर ही करे तथा अपनी सुरख्या का प्रबन्ध करके करे। इस प्रयोग से साधक को बिना बजह के परेशान करने बाले शत्रुओं को परास्त किया जाता है अर्थात अकारण परेशान करने बालों की हार होती है। लेकिन यह प्रयोग करने से पहले किसी योग्य गुरू से मेलडी माता की साधना ब सिद्धि की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें, फिर यह प्रयोग करे।
इस प्रयोग को शनिबार अमाबस्या की रात्रि में या रबि पुष्ययोग के दिन श्मशान पर भी जाकर कर सकते हैं। अग्नि कोण की और या दखिण की और अपना मुख करके बैठ जायें। फिर दो दीपक जलाबें एक तिली के तेल का और एक सरसों के तेल का। उसके सामने पांच लाल कनेर के पुष्प रखें और लोबान, गुगल, गुटका, धूप, मेलडी धूप, लौंग धूप को जलाबें। फिर नौ निम्बू एक इत्र की शिशी, 10 ग्राम लाल रंग, अगरबती, नौ लोहे की औलपिन अपने सामने रख लें फिर एक माला रंगत मेलडी की और एक माला रगतिया बीर के मंत्र की जपें। माला स्फटिक की लेबें या रक्त चन्दन की लेबें, जप पूर्ण हो जाने पर अपने सामने रखे, नौ निम्बु पर नौ आलपिन डालें फिर उसपर इत्र छिडकें और चुटकी भरके लाल रंग निम्बू पर डाले। इसके बाद एक सूखा नारियल का होम करे। फिर देशी मदिरा की धार माता मेलडी और रगतिया बीर को चडाबें। फिर जो भी लोगों साधक को तंग करते हो उनका ध्यान करके मन ही मन चिन्तन करें कि अमुक ब्यक्ति आज के उपरान्त मुझे परेशान न करे। ऐसी भाबना करके मेलडी माता और रगतिया बीर से अपनी समस्या के निबारण हेतु प्रार्थना करें। फिर अन नौ निम्बुओं को अपने हाथ में लेकर सात सात बार शत्रुओं का नाम लेकर दोनों दीपक के बीच में उन नौ निम्बुओं को रख दें। फिर पुन: एक माला मेलडी मंत्र की और एक माला बीर की करें। इससे अकारण परेशान करने बाले ब्यक्ति या शत्रु दूर हो जायेगें। मंत्र अपने गुरु से प्राप्त करे। यहाँ पर देना उचित नहीं होगा, कृपया मुझे ख्यमा करे।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या