बिद्वेषण ब उच्चाटन के लिये मसाणी तंत्र प्रयोग :
इस प्रयोग को अमाबस्या की रात्रि मे या कृष्ण्पख की अष्टमी के दिन पडने बाले रबिबार की रात्रि में किया जाता है। साधक 10 बजे उपरान्त किसी श्मशान घाट जाकर श्मशान की ठीकरी मंा सात उडद एक निम्बू चुटकी भर चिता की भस्म रखकर एक दीपक जलाबें और लौबान का धूप करके मसाणी की पूजा करलें। फिर एक मिट्टी के बर्तन में देशी मदिरा भरकर दीपक के पास रखे सात लाल कनेर के फूल चडाबें फिर एक कागज पर जिस स्थानबासियों का उचाटन करना हो उसका नाम काले कोयले से लिखें फिर उस कागज पर उस ठीकरी को रख दें तथा अघोर मंत्र का जाप करें। जब एक हजार जप पूर्ण हो जाये तब मसाणी माई को प्रणाम करके उस सामग्री को उठालें और कागज को समेटकर उस सामग्री में मिला दे फिर उसे ले जाकर अपनी जमीन पर कव्जा करने बाले के आने जाने बाले रास्ते बिखरे दें जब उसके ऊपर से बह ब्यक्ति निकलेगा तब उसका तन मती का उचाटन होगा एबं उस जगह से उसे द्धेष हो जायेगा।
नोट : यह अघोर तंत्र का प्रयोग है, केबल अघोरी साधक ही करे।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या