यह किन्नरी कुबेर की सेबा में उपस्थित रहने बाली प्रमुख किन्नरियों में से एक है। मंजूघोषा किन्नरी सिद्ध होने के पश्चात् पत्नि या प्रेमिका के रूप में दर्शन देती है। यह साधक से गोपनीतया हेतु कुछ बचन लेती है और समय-समय पर साधक को द्र्ब्य, रसायन, आभूषण प्रदान करती रहती है।
मंजूघोषा की साधना शुभ नक्षत्र में आरम्भ करें, पूर्ण रात्रि मंत्र जप करें। यह किन्नरी अथक परिश्रम से सिद्ध होने बाली है। प्रतिदिन ७००० मंत्र जप करें, किंन्तु निरन्तर यह साधना एक मास तक करें। ब्रह्माचर्य का पालन पूरी सजगता से करें। मंजूघोषा के प्रकट होने पर उसे मीठा पान अर्पण करें, पूर्ण आदर और सम्मान से बचन प्राप्त करें। मंत्र इस प्रकार है-
ॐ मंजूघोषे आगछागछ स्वाहा ।।
पूर्ण सात्विकता और शुद्ध हृदय से एक माह तक साधना करने पर किन्नरी अबश्य प्रत्यख्य होती है, यदि ऐसा न हो तो निम्नलिखित क्रोध मंत्र का जप करें : ॐ ह्रीं अकट्ये कट्ये ह्रुं ब: फट्।।
यदि फिर भी किन्नरी प्रकट न हो तो स्तम्भन मंत्र का प्रयोग करें —
ॐ क्रीं हुं क्रीं किन्नरये फट्।।
इसके जप के पश्चात् अबश्य किन्नरी प्रकट होती है। अत्यंत पौरूषत्व गुण बाले मनुष्य पर ही यह प्रसन्न होती है। संस्कारित रुद्राख्य माला से ही उपरोक्त मुख्य मंत्र का जप करें।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या