सुरती प्रिय किन्नरी साधना :
अत्यन्त मनोहर, रति क्रिया में दक्ष यह किन्नरी अपने नाम के अनुसार ही साधक को भोग बिलास प्रदान करती है। एक बार सिद्ध हो जाने पर सुरति प्रिय किन्नरी साधक को एक त्वरित गोप मंत्र दे देती है, जिसके मात्र एक उच्चारण से ही साधक कभी भी इसे कहीं भी बुला सकता है। सभी प्रकार के काम बिलास के साधन यह साधक को उपलब्ध करा देती है।
इसकी साधना दो नदियों के मिलन के तट पर ही करने का बिधान है। साधना रात्रि १० बजे के पश्चात् ही करें। बस्त्र और आसन हल्के रंग का ही उपयोग करें। मंत्र जप हेतु रुद्राख्य की माला लें। मंत्र का प्रतिदिन आठ हजार जप तीन दिन तक निरन्तर करें। मंत्र इस प्रकार है-
साधना पूर्ण होने पर किन्नरी प्रकट होती है, तब दूध से बना मिष्ठान ब सुगन्धित पदार्थ भेंट करें। नम्रता पूर्बक बचन ले लें। यह अतिप्रसन्न होने पर साधक को स्वर्ण मुद्रा भी प्रदान करती है, किंन्तु इसकी अनुमति के बिना बह स्वर्ण खर्च न करें, अन्यथा यह कुपित हो सकती है। इसकी साधना से पूर्ब सुरख्या कबच घेरा अबश्य बना लें।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या