नपुंसक के लिए अनंग मदन साधना :
बहुत से युबक पुरुषत्व की कमी के कारण आत्महत्या कर लेते देखे गये हैं।अनेक युबकों को नीम-हकीम बर्बाद कर देते हैं।ऐसे नपुंसक युबकों में बहुत से तो ऐसे होते है जो ठीक होते है किंन्तु सामान्य कमजोरी होती हैं।
यदि ऐसी कमजोरी है, नपुंसकता जन्मजात नहीं है अर्थात उसके शरीर में लिंगेन्द्रिय नामक अंग है, अंडकोश भी है, तो बह इस साधना से भी लाभ उठाकर देख सकता है।
यह कोई कठिन साधना नहीं है। इसके लिए साधक को मंत्र के एक लाख जाप करने हैं। जप नदी के तट पर करना पडता है और इन दिनों में एक समय भोजन करना है तथा यह बिश्वास जमाये रखना है कि ज्यों ही मंत्र का जाप पूर्ण होगा आपका पुरुषत्व आ जायेगा। इसे अनंग साधना या मदन साधना कहते हैं।
“ॐ एं मदने मदनबिद्राबणे अगम् सगमे देहि देहि क्रीं क्रीं स्वाहा” (इसी मंत्र को एक लाख बार जपना है)
चौदह दिनों में इसे पूर्ण किया जा सकता है और पन्द्रह दिनों की इस साधना से आशातीत लाभ की संभाबना रहती है। किन्तु जप एक लाख होते ही एक हजार चमेली के फुल लेकर उनकी आहुतियों से हबन पन्द्रहबें दिन अबश्यमेब करें। तभी सफलता है।हो सके तो तांत्रिक से सलाह लें।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या