स्वय: सिद्ध सब काज। नाथ मोहि आदरू दियउ।।
अस बिचारि जुबराज। तन पुलकित हरषित हियउ।।
बह सोभा समाज सुख। कहत न बनइ खगेश।।
बरनहिं सारद सेष। श्रुति सो रस जान महेस।।
सुनिअ देब सचराचर स्वामी। प्रनतपाल उर अन्तरजामी।।
मोर मनोरथ जानहु नीके। बसहु सदा उर पुर सबही के।।
बिधि : प्रतिदिन रुद्राख्य की माला पर इस मंत्र का ११०० जप ४० दिन तक करें। दशांश हबन आदि करें फिर सत्यनारायण की कथा करबायें तो साधक के समस्त कार्य प्रभु कृपा से सिद्ध होते हैं।
कार्य सिद्धि के लिए सिद्ध अमल :
बिधि : यदि कोई ब्यक्ति चाहे कि असकी सब मनोकामनाएं पूर्ण हों तो उसको चाहिए कि ५ गुरूबार तक लगातार इस अमल को पढें और जब तक अमल समाप्त न हो जाये तब तक नियम बद्ध रहें। बीच में एक दिन नागा न करें बरना सब ब्यर्थ हो जायेगा।
इस अमल मुबारक को नदी में अपने पैर लटका कर एक हजार बार पढता रहे, बीच में यदि कोई भयंकर आकृति दिखाई दे तो डरना नहीं चाहिए। अमल समाप्त होने की बजह से आप बडी आध्यात्मिक शक्ति के मालिक होंगे। इस अमल की शक्ति से आप जो कुछ भी करेंगे बह अल्लाह की कृपा से सफल होगा।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या