।। कालरात्रि मोहन प्रयोग:।।
रबिबार के दिन हल्दीलाकर उसे स्त्री के दूध में पीसकर उससे भोजपत्र पर यंत्र बनाबे। एक बृत बनाकर उसके बीच में “क्लीं” लिखें। उस बृत के बाहर चारों और बृताकार १० बार कामबीज “क्लीं” लिखे। पुन: उसके बाहर बृताकर १२ बार कामबीज “क्लीं” लिखे। पुन: उसके बाहर बृताकार १६ बार कामबीज “क्लीं” लिखे। इन सबके ऊपर एक बडा षट्कोण बनाये (ये अक्ष्यर बीच में रह जायेंगे) उसके प्रत्येक कोणों में “क्लीं” लिखे। फिर संपूर्ण यंत्र के चारों और “ऐं” बृताकार लिखें। अथबा किसी बस्त्र ब भूमंडल पर बडा सा “ऐं” लिखे। उसके मध्य में इस यंत्र को लिख देबे। उस यंत्र पर बैठकर साधक ५ दिन तक एक एक हजार मंत्र जप करे।
मंत्र : “ॐ कामाय क्लीं क्लीं कामिन्यै क्लीं ” ।
पश्चात् दशांश होम करे। उस भस्म का तिलक लगाने से संसार का सम्मोहन होता हैं।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या