कालरात्रि उच्चाटन प्रयोग :
कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन निर्जन मकान में दक्षिण की और शिखा खोलकर बैठे। नीले बस्त्र धारण कर कुकुटासन से बैठे। फिर मूज्ज की रस्सी की ग्रथियुक्ता माला पर शबरी देबता का ध्यान कर मंत्र दो हजार बार जपे। (शबरी मंत्र अलग बिधान में दिया हैं)
मंत्र : ॐ ब्लूं श्लूं म्लूं क्षलूं कालरात्रि महाध्बांख्यि अमुकमाबेश उच्चाटय उच्चाटय आशूच्चाटय छिन्धि २ भिंन्धि स्वाहा स्वाहा ह्रीं कामाक्षी क्रों।
इस मंत्र का प्रधान जप करके रात्रि में सरसों से दशांश होम करे। फिर सरसों की खली ब सरसों के तेल को जल में मिलाकर अपनी शिखा प्रोक्षण कर शिखा खोले। भूमि पर बलिदान देबे। ऐसा कम से कम ७ दिन करने से शत्रु का उच्चाटन होकर परदेश गमन करता हैं।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या