मंत्र : ॐ नम: श्चामुण्डे प्रचण्डे इन्द्राय ॐ नमो बिप्रचाण्डालिनि शोभिनि प्रकर्षिणि आकर्षय द्रब्य मानय प्रबल मानय हुं फट् स्वाहा।
बिधि : तंत्र के अनुसार इस मंत्र की सिद्धि ४१ दिन में होगी। प्रथम दिन भूखा रहे, धरती पर सोबे, मीठा भोजन करें और आधा भोजन उसी थाली में जूठा छोड दे और जूठे मुंह से ही उपबित्र स्थान पर बैठकर जप करें। इस मंत्र का कुल सबा लाख जप करने पर सिद्ध होगा। जब कभी रात्रि को भय लगे तो चिन्ता न करें। मंत्र जप के बाद देबी स्वयं आकर मंत्र जप करने बाले को मनोबांछित बरदान देती है।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या