मंत्र : ओं झलमल जहर, भरी तलाई,
अस्ताचल पर्बत से आई जहाँ बैठा,
हनुमन्ता जाई न फूटै पाकै,
हरै पीडा मेरी भक्ति गुरु की शक्ति,
बिधि : यह मंत्र बिधि सहित आप सिद्ध करें फिर २१ बार उचारण करते हुए नीम की डाली से प्रत्येक मंत्र का जाप करते समय (साथ ही) नेत्रों को स्पर्श करना चाहिए। आंख लाल होना, पानी गिरना, आंखो के हर प्रकार के रोगों को दूर करने का यह अचूक मंत्र हैं।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या