मंत्र : “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।”
शत्रु नाशक यंत्र बनाकर, उसके बीच में उस शत्रु का नाम लिखें जिससे प्राणों का भय हो या जो बास्तब में आपकी हत्या करने बाला हो। इस मंत्र का एक लाख बार जप कर मंत्र को सिद्ध करके, प्रयोग में लाबें।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या