इस रोग में शरीर की कोशिकाओं में प्रदाह उत्पन्न हो जाता है जिससे शोथ होता है। धमनियों में बीच में कोई रूकाबट आ जाये तो भी शिराशोथ हो सकता है। इस रोग में मुखत: पैर प्रभाबित होते हैं तथा त्वचा पर सूजन स्पष्ट दिखाई पडती है। कभी कभी जीबाणुओं के संक्रमण से भी यह रोग हो जाता है। पैरों में सूजन आ जाने से रोगी चलने में असमर्थ हो जाता है।
यदि शुक्र कुम्भ राशि का हो तथा सूर्य, मंगल से दृष्ट हो तो इस रोग की उत्पति सम्भबत: होती है। कुशल ज्योतिषी से परामर्श लेकर ही कोई सठीक उपाय करना सही रहेगा।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या