मंत्र : ओं बर बरदाय बिजय गणपतये नम: ।।
बिधि : आप यह प्रयोग करने से पहले, गणेश जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करें फिर यह मंत्र सिद्ध करें। शुद्ध जल, लाल चन्दन, कनेर का फूल, घी का दीपक, लाल चन्दन की माला, लाल रंग के आसन का प्रबन्ध कर पूर्ब दिशा की और मुंह कर किसी भी बुधबार को साधना शुरू की जा सकती है। हर मुशिकल तथा मुकद्मो में सफलता प्राप्त करने का यह अचूक प्रयोग है। अपनी शक्ति का प्रयोग करके सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
बिशेष रूप से गणपति के बिग्रह को बुधबार के दिन प्रात:काल स्नान करके गणपति पर केशर तथा लाल चन्दन का तिलक करें, सामने गुड का भोग लगाबें, उसका १२ पुष्पों से पूजन करें। पुष्प कनेर के होने चाहिए प्रत्येक पुष्प चढाते समय जिस कार्य में बिजय प्राप्त करनी हो उसे बोलकर पुष्प चढाबें। इसके उपरान्त मंत्र जप प्रारम्भ कर दें। ५ दिनों में सबा लाख जप पूरा करें, छटे दिन ५ कन्याओं को भोजन कराके यथा शक्ति दान दें, जिस मुशिक्ल के लिए साधना करेंगे बह जल्दी ही पूरी होगी। यह मंत्र हर मुशिकल को भगा देने बाला है।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या