भूत-प्रेत दूर करने का मंत्र :
मंत्र :”ओं नमो आदेश गुरू को।
अपने सेबक के कार्य करन्ता।
जहाँ सुमरे तहाँ तू पहुंचता।
श्री रामचन्द्र की आन मानकर चले।
श्री लक्ष्मण की आन मानकर चले।
माता सीता जी की आन मानकर चले।
पीता केशरी की आन मानकर चले कहाँ को चले।
जिन्न भूत प्रेत राक्षस दैत्य को पकडने को चले।
चले देब दानब हूर परी इन को पकडने को चले।
पकड कर लाबे न तो श्री रामचन्द्र जी।
ते माता सीता की दुहाई पिता केशरी की दुहाई।
माता अन्जनी की दुहाई राजा सुग्रीब की दुहाई।
गुरू की शक्ति हमारी भक्ति।
शव्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र ईश्वर बाचा।”
बिधि : इस मंत्र का जप अकेले कमरे में बैठकर ४० दिन तक लगातार हनुमान जी की मूर्ति को सामने रखकर ३-४ घण्टे तक लगातार करें। धूप,दीप,नैबेद्य,फूलौ की माला, पानी का पात्र,सिन्दुर, लौंग, इलायची, नारियल, मौसम के फल पास रखकर मंत्र का जाप करें। प्रत्येक सुबह के समय यह चीजें दरिया में बहा देनी चाहिएं प्रतिदिन नई चीजें रखनी चाहिए। ४० दिन तक हनुमान की कडाही १०१ लड्डू भेंट रखकर मंत्र का जप करें, अपनी पूरी जिन्दगी में मंगलबार का ब्रत रखें। भूत-प्रेत आदि सभी कार्यो में सुगमता होती है हर भले कार्यो पर २१ जप करके सिद्ध करें तो कार्य हो जाता है।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या