मंत्र : “ओं नमो जल बांधू जलबाई।
बिधि : दीपाबली की रात्रि में इस मंत्र को १०००१ बार जप कर सिद्धि कर लें। जप पूरा करने के बाद में काम में लाबें। जब प्रयोग में लाना हो तो रास्ते से ७ कंकड लेकर एक –एक कंकड को ७ बार मंत्र से अभिमंत्रित करके कडाही पर मारें। तो चाहे जितना लकडी या कोयला जलाये कडाही गरम न होगी।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या