मंत्र :”ओं नमो आदेश गुरू को,
बिधि : यह मंत्र ग्रहण के समय नदी में खडे होकर सूरज की तरफ मुंह कर मंत्र का जाप कर सिद्ध कर लेबें। तब ही प्रयोग में लाबें। तभी कार्य करेगा। रबि या मंगल के दिन एक सुपारी इस मंत्र से अभिमंत्रित करके निगल जाबें जब मल त्याग करने के बाद बाहर आयें तो सुपारी को उठाकर सात बार गंगा जल से धोकर फिर सात बार दूध से धोकर साफ कर लें। इस मंत्र का जाप करते हुए सुपारी को गुग्ग्ल की धूप दें और अभिलाषित स्त्री को खिला दें। एक हफ्ते में सफलता प्राप्त होगी।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या