मंत्र : “ओं बीर बैतालाय शीघ्र गमनायै गछ गछ, बेताल हुं हुं फट्।।”
यह एक सिद्ध कापालिक अनुभूत मंत्र प्रयोग है इसे सिद्ध करके ब्यक्ति बहुत तेज चल सकता है। बह ब्यक्ति एक घण्टे में हजारों मील की यत्रा पैदल ही कर सकता है, उसे थकान का अनुभब नहीं होता, न कोई मुशिक्ल ही पेश आती है। यह साधना अष्टमी से शुरू करें। पीले रंग का बस्त्र धारण करें लाल रंग का आसन प्रयोग करें। तेल का दीपक सामने जलाकर उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठें। साधना में हकीक की माला से १०८ बार रोजाना जप करें। यह साधना ३१ दिन की है, इसमें नियमित रूप से धूप आदि का प्रयोग कर, अकेले में साधना करें। साधना का स्थान एकांत मे होना चाहिए इस प्रयोग को सिद्ध कर लेने बाला ब्यक्ति चाहे जितना भी पैदल चले उसे भूख प्यास नहीं सताती न मौसम का ही प्रकोप होता है।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे :मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या