मंत्र : ओं श्रीं मम गृहे पुष्टि भब, ककाबत्ये शिरो भब फट् स्वाहा।।
बिधि : यह प्रयोग दीपाबली के दिन करना चाहिए, गृहस्थ में किसी भी तरह की परेशानी हो, पति-पत्नी में तनाब, पुत्र का आज्ञाकारी न होना, किसी भी प्रकार की बाधा का निबारण इस मंत्र के प्रयोग से हो जाता है। यह प्रयोग दिन के १२ बजकर ४६ मिनट तक किया जाता है इस अबधि में इस प्रयोग को सम्पन्न करें।
साधक को १२ बजे आसन पर बैठ जाना चाहिये, और मन में चिन्तन करें कि यह प्रयोग जिन्दगी में सभी बाधाओं को दूर करने के लिए कर रहा हूँ। मूंगे की माला से ३ माला का जाप करें, जब मंत्र का जप पूरा हो जाये तब यंत्र को तिजोरी या अलमारी में बन्द करके रख दें। जब तक बह यंत्र घर में रहेगा तब तक घर में किसी भी प्रकार की कलह परेशानी नहीं होगी। जप के समय यंत्र को सामने रखकर जप करें। अगर आपको सिद्ध अभिमंत्रित यंत्र चाहिये तो आप हमसे प्राप्त कर सकते है यह किताब में नहीं दिया जा रहा है।
नोट : हमसे यंत्र मंगाकर साधना करें साधना के समय घी का दीपक, अगरबती, यंत्र रखकर साधना करें तब आपकी कामना पूरी होगी।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या